अब वित्तीय मामलों को सँभालने का समय आ गयाा है?

यहाँ ऐसे सात तरीके बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर जवान बच्चे अपने माता-पिता का बढ़ती हुई उम्र में उनका साथ दे सकते हैं। 

प्रमुख निष्कर्ष  

✓  बढ़ती उम्र और जीवन में होने वाले बदलावों को परिवार के तौर पर साथ मिलकर जीवन का हिस्‍सा मानेंें।

✓  वित्तीय रूप से देखरेख अचानक ही शुरू नहीं होती; यह एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। 

✓  स्वास्थ्य और धन संबंधी ज़रूरी दस्तावेजों को ढूँढने, उन्हें नवीनतम रूप देने और सुरक्षित रखने के काम में अपने परिवार का हाथ बटाएँ।

हमारे जीवन में एक समयऐसा आता है जब अपने बूढ़े होते माता-पिता से उनके धन संबंधी मामलों का नियंत्रण हमें अपने हाथों में लेना पड़ता है। 

हालांकि हर व्यक्ति की स्थिति अलग-अलग होती है—और केवल माता या पिता ही नहीं, बल्कि पति/पत्नी या आपका अपना हित भी खतरे में हो सकता है—आपके परिवार में स्वास्थ्य का कोई संकट आने से पहले धन संबंधीे कुछ निर्णय अब लिए जाने चाहिए। 

1. संकेतों को पहचानें 

कमज़ोर होती सेहत और मानसिक क्षमता में गिरावट अक्सर धीरे-धीरे होती है, और हमें बढ़ती उम्र से हैरान नहीं होना चाहिए। यह जीवन से जुड़ी निश्चित स्थितियों में से एक है जिसके बारे में हम जानते हैं, और इसके संकेत काफी अलग होते हैं। उम्र बढ़ना कोई अनूठी बात नहै; लेकिन हर परिवार में इसका अनुभव विशिष्ट तरीके से होताा है। 

उम्र बढ़ने और जीवन के बदलावों को हम जितना सामान्य ढंगे से लेंगे, उतनी ही आसानी से पैसों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों के प्रतिें भागीदारी पनपेगी। इस प्रक्रिया को सामान्य बनाने के लिए आपको बढ़ती हुई उम्र के संकेतों और प्रभाव की जानकारी होनी चाहिए। उम्र बढ़ना निश्चित समय पर होने वाली घटना नहीं है, इसलिए हम इस पर चर्चा कर इसके लिए योजना बना सकते हैं। 

2. नियमित रूप से बातचीत के लिए समय निकालें 

वित्तीय गलतियों और बाहरी लोगों द्वारा संभावित रूप से पैसों के लिए परेशान किए जाने से बचने का सर्वोत्‍तम तरीका है - अपने परिवार में बढ़ती उम्र के संकेतों के बारे में नियमित रूप से बातचीत करना। आप कोई शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य संकट आने तक केवल डर या मायूसी के कारण उन ज़रूरी चर्चाओं से बचना नहीं चाहेंगे। 

अनेक माता-पिता और बच्चों के बीच अधिकतर ऐसी बातचीत तब तक शुरू नहीं होती जब तक कि माता-पिता रिटायरमेंट की उम्र पार नहीं कर लेते। ऐसी बातचीत करने के लिए कुछ और चीजें भी प्रेरित करती हैं जैसे पति/पत्नी या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु, किसी प्रियजन का स्वास्थ्य खराब होना, या किसी के द्वारा कोई वित्तीय गलती करना। इन सबके बावजूद, ऐसी कोई घटना होने तक परिवार के साथ बातचीत न करने का कोई कारण नहीं है। समय और पारदर्शिता दो ऐसी मुख्य चीज़ें हैं जो संपत्ति को सुरक्षित रखने और इसके ट्रांसफर को लेकर पारिवारिक एकता बनाए रखना मुश्किल बना देती हैं। 

एक सामान्य चीज़ जिसे माता-पिता आम तौर पर बताना नहीं चाहते वह यह है कि उनके पास निजी तौर पर कितना पैसा है क्योंकि यह बेहद निजी मामला लगता है। बहरहाल, सार्थक बातचीत करने के लिए आपको इसके बारे में सटीक रूप से जानने की ज़रूरत नहीं है। दरअसल, आप अपनी इच्छाओं, अपने मार्गदर्शी सिद्धांतों, और इस बारे में बात करते हुए बातचीत शुरू कर सकते हैं कि वित्तीय अकाउंटे और दस्तावेज़ कहाँ रखे गये हैं। इसे व्यवहार में लाने की बात को बाद में देखा जाएगा जब अधिक विस्तार से या गंभीर बातचीत किए जाने की ज़रूरत होगी। 

हालांकि सबसे मुश्किल काम है - भूमिकाओं में बदलाव। अपने माता-पिता को यह बताने में आप असहज महसूस करी सकते हैं कि उन्हें क्या करना है या संभव है कि आपकी संस्कृति में आप दोनों के लिए यह सामान्य न हो। बातचीत शुरू करने का एक तरीका है कि आप इस बारे में बात करें कि अपनी धन तथा स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों की पॉवर ऑफ अटॉर्नी ड्राफ्ट करने के लिए आपने किसी वकील से मुलाक़ात की है ताकि जब आप ऐसी स्थिति में हों जहाँ आप ऐसे निर्णय खुद नीं ले सकेंे तब आपके पति/पत्नी या कोई अन्य व्यक्ति चीज़ों को सँभाल सके। उसके बाद अपने माता-पिता से पूछें कि उनके पास पहले से सुरक्षा के क्या-क्या इंतज़ाम हैं।  

एक और तरीका है कि आप सामान्य बातचीत के दौरान कहें कि आपने हाल ही में पढ़ा कि बच्चों को अपने माता-पिता के व्यक्तिगत वित्तीय मामलों की जानकारी रखना कितना ज़रूरी है ताकि ज़रूरत पड़ने पर वे अपने माता-पिता कीो पैसे सँभालने में मदद कर सकें। 

एक और तरीका यह भी है कि आप उनके वित्तीय काम अपने हाथ में लें, जैसे उनके टैक्स भरने की तैयारी करना, या चेक लिखने/बैंक अकाउंटा मैनेजमेंटन को आसान बनाते हुए नियमित बिलों्स के लिए ऑटोमैटिक भुगतान सेटअप करना और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना। 

3. दस्तावेज़ों का पता लगाएँ

यदि आपके माता-पिता को एतराज़ न होै, तो उनके साथ बात करें कि वे अपने घर का डीड, टैक्स रिटर्न, वसीयतें, ट्रस्ट, और पॉवर ऑफ अटॉर्नी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ कहाँ रखते हैं। 

उनके बैंक और निवेश अकाउंटोंों, बीमा पॉलिसियों, और क्रेडिट कार्डो की सूची लें। पूछें कि पासकोड कहाँ स्टोर किए गए हैं, ताकि बाद में आपको इन अकाउंट्सों तक पहुँच प्राप्त हो सकेें। पता लगाएँ कि लाभार्थी कौन हैं और पूछें कि क्या उनके पास अधिक व्यापक एस्टेट प्‍लाना से संबद्ध पॉवर ऑफ अटॉर्नी या कोई अन्य दस्तावेज़ है। इस बातचीत कोे छानबीन लगने की बजाय क्यावहारिक और संबंधित बनाए  रखने की कोशिश करें। ऐसा नजरिया रखने की कोशिश करें कि आप भविष्‍य में देखभाल करने के लिए उनका साथ दे रहे हैं। उन्हें इसकी कल्‍पना करने को कहें कि जब वे मौजूद नहीं होंगे तब आपके लिए उनके काम को सँभालना कैसा होगा। 

ऐसी अतिरिक्त जानकारी जो आप उनसे लेना चाहेंगे, उसमें उनके डॉक्टर, अकाउंटेंट, वकील, बंधक-ऋण कंपनी, वित्तीय प्लानर, और ब्रोकरेज/इन्वेस्टमेंट फर्म की संपर्क जानकारी शामिल होगीै। यदि आपके माता-पिता रिटायर हो चुके हैं, तो आप उनकी आय के विभिन्न स्रोतों के बारे में पूछ सकते हैं जैसे पेंशन (सरकार और पिछले नियोक्ताओं से) और व्यक्तिगत रिटायरमेंट प्लान से निकाला गया पैसा।  

4. पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनवाना 

अनेक देशों में यह दस्तावेज़ या इसके समान कोई दस्तावेज़ बिलों का भुगतान करने, निवेश मैनेज करने, या आपके सिवाय किसी अन्य के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लेने के लिए ज़रूरी होता है। पॉवर ऑफ अटॉर्नी को सही तरीके से बनानेा और लागू किए जाने पर, यह किसी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति की ओर से सभी वित्तीय लेन-देन करने के लिए अधिकृत कर सकती है—चेक साइन करने से लेकर ज़रूरत पड़ने पर अपने माता-पिता का घर बेचने तक।  

उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को सामान्य बनाने का महत्वपूर्ण कारण यह है कि आप उस समय तक इंतजार नहीं कर सकते जब कोई व्यक्ति इस दस्तावेज़ पर हस्‍ताक्षर करने से पहले वित्तीय लेन-देन मैनेज करने की मानसिक क्षमता खो दे। पॉवर ऑफ अटॉर्नी को जायज़ बनाने के लिए आपके माता/पिता का हस्ताक्षर करते समय सक्षम होना ज़रूरी है। 

पॉवर ऑफ अटॉर्नी  बनाने के संबंध में निम्न तीन बातों पर विचार करें: 

  1. पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनाने का फैसला इसेो ध्यान में रखते हुए लें कि क्या बच्चे के पास इसे सही ढंग से आगे बढ़ाने की कुशलता, समय और स्थान है। अपने भाई/बहन (भाइयों/बहनों) के साथ इस बारे में स्पष्ट होना और अपने निर्णय को अपने माता-पिता के हित में रखना ज़रूरी है।  

    नियंत्रण और संतुलन प्रणाली के तौर पर अधिक पारदर्शिता के लिए दो बच्चों को नामित करने या इस प्रक्रिया में अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग बच्चों को नामित करने पर विचार करें।यह एक दुखद सच्चाई है कि बुजुर्गों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी आम तौर पर परिवार के सदस्यों या करीबी दोस्तों द्वारा की जाती है। यदि आपके माता/पिता या आप और आपके भाई-बहन इस बारे में चिंतित हैं कि एक ही व्यक्ति के पास सभी अधिकार हैं तो इस पर नियंत्रण और संतुलन रखें।आप किसी एक बच्चे को निवेश अकाउंटोंों पर पॉवर ऑफ अटॉर्नी दे सकते हैं और दो बच्चों को बैंक अकाउंटोंों तक एक्‍सेस दे सकते हैं ताकि वे देख सकें कि वे चेक किसे दिये जा रहे हैं। 
     
  2. अनेक वित्तीय संस्थानों और ब्रोकरेज कंपनियों के अपने फॉर्म होते हैं जिन्हें संस्था द्वारा खाताधारक के सिवाय किसी अन्य को अकाउंटे संबंधी अधिकार देने से पहले खाताधारक को हस्‍ताक्षर करनेा पड़तेा हैं। कभी-कभी, केवल पॉवर ऑफ अटॉर्नी की कॉपी देना ही पर्याप्‍ती नहीं होता। 
     
  3. सामान्य तौर पर, पॉवर ऑफ अटॉर्नी उस स्थान के कानूनों के अनुरूप होनी चाहिए जहाँ यह तैयार की गई होै जो अधिकतर मामलों में वह जगह होती है जहाँ पॉवर ऑफ अटॉर्नी देने वाला व्यक्ति रहता है। यदि आपके माता-पिता एक से ज़्यादा स्थानों पर अपना समय बिताते हैं या उनकी संपत्तियाँ एक से ज्यादा स्थानों पर होंैं, तो आपका वकील दस्तावेज़ों को तैयार करने में दूसरे कानूनों के विवरण पर भी विचार करेगा। इस दस्तावेज़ को ड्राफ्ट करने के लिए किसी स्थानीय वकील की सेवाएँ लें जिसकीो वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े कानूनों में विशेषज्ञता हो। यदि कोई व्यक्ति पॉवर ऑफ अटॉर्नी सौंपे बिना अपने मामलों की व्यवस्था करने में असमर्थ हो जाता है, तो अनेक देशों में न्यायालय गार्डियन नियुक्त करने का कार्य करता है। 

5. वसीयत की समीक्षा करें 

यह निर्धारित करने के लिए भी यह समय वसीयत की समीक्षा करने या इसे लिखने का भी है कि जब व्यक्ति दुनिया से चला जाएगा तब उसकी संपत्तियों का बंटवारा कैसे किया जाएगा। कोई व्यक्ति इस समय अपनी संपत्तियांो कैसे बांटना चाहता है, इस बात को वसीयत में शामिल करने के लिए इसे दोबारा तैयार करना पड़ सकता है। जिस समय मूल रूप से वसीयत बनाई गई थी, उसके बाद व्यक्ति के जीवन में बदलाव और घटनाओं (जैसे पति/पत्नी की मृत्यु, पोते/पोतियों का जन्म) के कारण व्यक्ति अपनी इच्छा पर दोबारा विचार कर सकता है।   

6. स्वास्थ्य सेवा निर्देश पर हस्ताक्षर करें 

अनेक स्थानों में हेल्थ केयर प्रॉक्सी या जीवित रहते हुए वसीयत द्वारा कोई माता/पिता अपने ज़िंदगी और मौत की स्थिति वाली स्वास्थ्य परिस्थितियों में निर्णय लेने में सक्षम न होने की स्थिति में अपने बच्चे या किसी विश्वासपात्र व्यक्ति को ये निर्णय लेने का अधिकार दे सकते हैं। अपने माता-पिता के डॉक्टरों को बताएँ कि आपके पास यह दस्तावेज़ है। इस बारे में विवरण आपके निवास स्थान के अनुसार भिन्न होगा लेकिन यह विचार लागू होना चाहिए चाहे आप किसी भी देश में रहते हों। 

7. अपने दस्तावेज़ों को सुरक्षित जगह पर रखें

सुनिश्चित करें कि परिवार के कम से कम एक सदस्य को पता हो कि महत्वपूर्ण दस्तावेज़, संपर्क जानकारी, और अकाउंटा विवरण कहाँ रखे हैं। महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को वकील के कार्यालय में या बैंक के सेफ-डिपॉज़िट बॉक्स में या किसी ऐसे सुरक्षित जगह पर रखा जा सकता है जहाँ से आपात स्थिति में उन्हें तुरंत निकालाा जा सके। सुरक्षित वर्चुअल सेफ़ भी अच्छा विकल्प है। 

अंत में, यह पारिवारिक बातचीत सिर्फ़ एक-बार करने के लिए नहीं है। साल में कम से कम एक बार अपने महत्वपूर्ण स्वास्थ्य, वित्तीय और संपदा नियोजन दस्तावेज़ों की समीक्षा करें। 

Image Alt Text

आप शायद इन्हें भी देखना चाहेंगे: 

एस्टेट प्लानिंग चेकलिस्‍ट 

929542.3.0